Haryana News: भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में अदालत ने एएसआई विक्रम को दोषी करार देते हुए 3 साल की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला एडीजे मधुलिका की अदालत ने सुनाया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अगर दोषी जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे 2 महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अदालत ने अपने फैसले में यह भी उल्लेख किया कि विक्रम को सुनाई गई सजा में से वह अवधि घटाई जाएगी, जो उसने पहले से न्यायिक हिरासत में बिताई है। इससे उसकी कुल सजा की अवधि कम हो सकती है।
यह मामला 29 अप्रैल 2022 को सामने आया था जब चरखी दादरी निवासी सुशील कुमार ने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के अनुसार, सुशील के भाई सुरेंद्र उर्फ मिंटू का किसी से झगड़ा हो गया था और इस संबंध में चरखी दादरी के सदर थाना में केस दर्ज हुआ था।
आरोप था कि इसी केस के सिलसिले में तैनात एएसआई विक्रम ने सुशील से 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए विक्रम को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
फैसले के अनुसार, विक्रम को तीन साल की जेल की सजा भुगतनी होगी, जो उसकी पहले की हिरासत की अवधि को घटाकर तय की जाएगी। साथ ही, उसे 10,000 रुपये का जुर्माना भी भरना होगा। अगर जुर्माना अदा नहीं किया गया, तो दो महीने की अतिरिक्त सजा लागू होगी।