Haryana News: हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब यदि किसी किसान का ट्रांसफार्मर चोरी होता है या किसी अन्य कारण से खराब हो जाता है, तो उसकी मरम्मत या प्रतिस्थापन (replacement) की पूरी जिम्मेदारी बिजली वितरण कंपनी की होगी। इसके लिए किसानों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।
पहले किसानों को अपने निजी ट्रांसफार्मर की चोरी या खराबी की स्थिति में मरम्मत या नई यूनिट लगवाने पर भारी खर्च उठाना पड़ता था। अब यह बोझ पूरी तरह से बिजली कंपनी पर होगा।
यदि कोई किसान अपने ट्यूबवेल को 70 मीटर के भीतर अपनी ही जमीन पर शिफ्ट करना चाहता है, तो इसके लिए भी अब कोई शुल्क नहीं देना होगा।
हरियाणा राज्य विद्युत नियामक आयोग (HERC) ने बिजली आपूर्ति संहिता में छठा संशोधन कर किसानों को यह राहत दी है। आयोग के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा ने जानकारी दी कि यह संशोधन अब राज्यभर में लागू हो गया है, क्योंकि इसे राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है।
अब तक अगर किसी किसान के ट्रांसफार्मर में कोई समस्या आती थी चाहे वह चोरी हो या तकनीकी खराबी तो मरम्मत और प्रतिस्थापन का खर्च काफी हद तक किसानों को खुद उठाना पड़ता था। इससे आर्थिक रूप से कमजोर किसानों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ता था।